महाभारतम् — 8.16.24
Original
Segmented
व्यायच्छमानाः सु भृशम् कुरु-पाण्डव-सृञ्जयाः प्रियान् असून् रणे त्यक्त्वा योधा जग्मुः परस्परम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| व्यायच्छमानाः | व्यायम् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| सु | सु | pos=i |
| भृशम् | भृशम् | pos=i |
| कुरु | कुरु | pos=n,comp=y |
| पाण्डव | पाण्डव | pos=n,comp=y |
| सृञ्जयाः | सृञ्जय | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| प्रियान् | प्रिय | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| असून् | असु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| त्यक्त्वा | त्यज् | pos=vi |
| योधा | योध | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| जग्मुः | गम् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| परस्परम् | परस्पर | pos=n,g=m,c=2,n=s |