महाभारतम् — 8.22.24
Original
Segmented
संजय उवाच अतिक्रान्तम् हि यत् कार्यम् पश्चाच् चिन्तयति इति च तच् च अस्य न भवेत् कार्यम् चिन्तया च विनश्यति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| संजय | संजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| अतिक्रान्तम् | अतिक्रम् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| हि | हि | pos=i |
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| कार्यम् | कार्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| पश्चाच् | पश्चात् | pos=i |
| चिन्तयति | चिन्तय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| इति | इति | pos=i |
| च | च | pos=i |
| तच् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| न | न | pos=i |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| कार्यम् | कार्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| चिन्तया | चिन्ता | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| च | च | pos=i |
| विनश्यति | विनश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |