महाभारतम् — 8.24.148
Original
Segmented
ईश्वर उवाच गच्छ त्वम् मद्-अनुध्यानात् निहनिष्यसि दानवान् विजित्य च रिपून् सर्वान् गुणान् प्राप्स्यसि पुष्कलान्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ईश्वर | ईश्वर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| गच्छ | गम् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| मद् | मद् | pos=n,comp=y |
| अनुध्यानात् | अनुध्यान | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| निहनिष्यसि | निहन् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
| दानवान् | दानव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| विजित्य | विजि | pos=vi |
| च | च | pos=i |
| रिपून् | रिपु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| सर्वान् | सर्व | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| गुणान् | गुण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| प्राप्स्यसि | प्राप् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
| पुष्कलान् | पुष्कल | pos=a,g=m,c=2,n=p |