महाभारतम् — 8.27.31
Original
Segmented
यदा वै त्वाम् फल्गुन-वेग-नुत्ताः ज्या-चोदिताः हस्तवता विसृष्टाः अन्वेतारः कङ्क-पत्राः शित-अग्राः तदा तप्स्यस्य् अर्जुनस्य अभियोगात्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यदा | यदा | pos=i |
| वै | वै | pos=i |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| फल्गुन | फल्गुन | pos=n,comp=y |
| वेग | वेग | pos=n,comp=y |
| नुत्ताः | नुद् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| ज्या | ज्या | pos=n,comp=y |
| चोदिताः | चोदय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| हस्तवता | हस्तवत् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| विसृष्टाः | विसृज् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| अन्वेतारः | अन्वि | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
| कङ्क | कङ्क | pos=n,comp=y |
| पत्राः | पत्त्र | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| शित | शा | pos=va,comp=y,f=part |
| अग्राः | अग्र | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| तदा | तदा | pos=i |
| तप्स्यस्य् | तप् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
| अर्जुनस्य | अर्जुन | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अभियोगात् | अभियोग | pos=n,g=m,c=5,n=s |