महाभारतम् — 8.27.47
Original
Segmented
व्याघ्रम् त्वम् मन्यसे ऽऽत्मानम् यावत् कृष्णौ न पश्यसि समास्थिताव् एक-रथे सूर्याचन्द्रमसाव् इव
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| व्याघ्रम् | व्याघ्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| मन्यसे | मन् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| ऽऽत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| यावत् | यावत् | pos=i |
| कृष्णौ | कृष्ण | pos=n,g=m,c=2,n=d |
| न | न | pos=i |
| पश्यसि | दृश् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| समास्थिताव् | समास्था | pos=va,g=m,c=2,n=d,f=part |
| एक | एक | pos=n,comp=y |
| रथे | रथ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| सूर्याचन्द्रमसाव् | सूर्याचन्द्रमस् | pos=n,g=m,c=2,n=d |
| इव | इव | pos=i |