महाभारतम् — 8.29.38
Original
Segmented
अनृत-उक्तम् प्रजा हन्यात् ततः पापम् अवाप्नुयात् तस्माद् धर्म-अभिरक्षा-अर्थम् न अनृतम् वक्तुम् उत्सहे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अनृत | अनृत | pos=n,comp=y |
| उक्तम् | वच् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| प्रजा | प्रजा | pos=n,g=f,c=2,n=p |
| हन्यात् | हन् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| ततः | ततस् | pos=i |
| पापम् | पाप | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अवाप्नुयात् | अवाप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| तस्माद् | तस्मात् | pos=i |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| अभिरक्षा | अभिरक्षा | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| न | न | pos=i |
| अनृतम् | अनृत | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| वक्तुम् | वच् | pos=vi |
| उत्सहे | उत्सह् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |