महाभारतम् — 8.30.45
Original
Segmented
कारस्करान् महिषकान् कलिङ्गान् कीकट-अटवी कर्कोटकान् वीरकांः च दुर्धर्मांः च विवर्जयेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कारस्करान् | कारस्कर | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| महिषकान् | महिषक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| कलिङ्गान् | कलिङ्ग | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| कीकट | कीकट | pos=n,comp=y |
| अटवी | अटवी | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| कर्कोटकान् | कर्कोटक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| वीरकांः | वीरक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| दुर्धर्मांः | दुर्धर्म | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| विवर्जयेत् | विवर्जय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |