महाभारतम् — 8.31.34
Original
Segmented
दुःशासनम् शतानीको हार्दिक्यम् शिनि-पुंगवः धृष्टद्युम्नस् तथा द्रौणिम् स्वयम् यास्याम्य् अहम् कृपम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दुःशासनम् | दुःशासन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| शतानीको | शतानीक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| हार्दिक्यम् | हार्दिक्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| शिनि | शिनि | pos=n,comp=y |
| पुंगवः | पुंगव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| धृष्टद्युम्नस् | धृष्टद्युम्न | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तथा | तथा | pos=i |
| द्रौणिम् | द्रौणि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| स्वयम् | स्वयम् | pos=i |
| यास्याम्य् | या | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| कृपम् | कृप | pos=n,g=m,c=2,n=s |