महाभारतम् — 8.40.4
Original
Segmented
सूतपुत्रो ऽपि समरे पाञ्चालान् केकयांस् तथा सृञ्जयांः च महा-इष्वासान् निजघान सहस्रशः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सूतपुत्रो | सूतपुत्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| समरे | समर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| पाञ्चालान् | पाञ्चाल | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| केकयांस् | केकय | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| तथा | तथा | pos=i |
| सृञ्जयांः | सृञ्जय | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| इष्वासान् | इष्वास | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| निजघान | निहन् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| सहस्रशः | सहस्रशस् | pos=i |