महाभारतम् — 8.43.11
Original
Segmented
यथा युक्तम् अनीकम् हि धार्तराष्ट्रस्य पाण्डव न अस्य शक्रो ऽपि मुच्येत सम्प्राप्तो बाण-गोचरम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यथा | यथा | pos=i |
| युक्तम् | युज् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| अनीकम् | अनीक | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| धार्तराष्ट्रस्य | धार्तराष्ट्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| पाण्डव | पाण्डव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| न | न | pos=i |
| अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| शक्रो | शक्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| मुच्येत | मुच् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| सम्प्राप्तो | सम्प्राप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| बाण | बाण | pos=n,comp=y |
| गोचरम् | गोचर | pos=n,g=m,c=2,n=s |