महाभारतम् — 8.43.63
Original
Segmented
पश्य स्वर्गस्य माहात्म्यम् पाञ्चाला हि परंतप धार्तराष्ट्रान् विनिघ्नन्ति क्रुद्धाः सिंहा इव द्विपान्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| पश्य | पश् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| स्वर्गस्य | स्वर्ग | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| माहात्म्यम् | माहात्म्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| पाञ्चाला | पाञ्चाल | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| हि | हि | pos=i |
| परंतप | परंतप | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| धार्तराष्ट्रान् | धार्तराष्ट्र | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| विनिघ्नन्ति | विनिहन् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| क्रुद्धाः | क्रुध् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| सिंहा | सिंह | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| इव | इव | pos=i |
| द्विपान् | द्विप | pos=n,g=m,c=2,n=p |