महाभारतम् — 8.46.44
Original
Segmented
यद् दर्प-पूर्णः स सुयोधनो ऽस्मान् अवेक्षते कर्ण-समाश्रयेन कच्चित् त्वया सो ऽद्य समाश्रयो ऽस्य भग्नः पराक्रम्य सुयोधनस्य
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यद् | यत् | pos=i |
| दर्प | दर्प | pos=n,comp=y |
| पूर्णः | पृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सुयोधनो | सुयोधन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽस्मान् | मद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| अवेक्षते | अवेक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| कर्ण | कर्ण | pos=n,comp=y |
| समाश्रयेन | समाश्रय | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| कच्चित् | कच्चित् | pos=i |
| त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽद्य | अद्य | pos=i |
| समाश्रयो | समाश्रय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| भग्नः | भञ्ज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| पराक्रम्य | पराक्रम् | pos=vi |
| सुयोधनस्य | सुयोधन | pos=n,g=m,c=6,n=s |