महाभारतम् — 8.51.46
Original
Segmented
त्वाम् हि प्राप्य रणे क्षत्रम् एक-अहात् इति भारत तप्यमानम् असंयुक्तम् न भवेद् इति मे मतिः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| क्षत्रम् | क्षत्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| एक | एक | pos=n,comp=y |
| अहात् | अह | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| भारत | भारत | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| तप्यमानम् | तप् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| असंयुक्तम् | असंयुक्त | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| इति | इति | pos=i |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| मतिः | मति | pos=n,g=f,c=1,n=s |