महाभारतम् — 8.60.33
Original
Segmented
स राज-पुत्रः ऽन्यद् अवाप्य कार्मुकम् वृकोदरम् द्वादशभिः पराभिनत् स्वयम् नियच्छंस् तुरगान् अजिह्मगैः शरैः च भीमम् पुनः अभ्यवीवृषत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| राज | राजन् | pos=n,comp=y |
| पुत्रः | पुत्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽन्यद् | अन्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अवाप्य | अवाप् | pos=vi |
| कार्मुकम् | कार्मुक | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| वृकोदरम् | वृकोदर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| द्वादशभिः | द्वादशन् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| पराभिनत् | पराभिद् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| स्वयम् | स्वयम् | pos=i |
| नियच्छंस् | नियम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| तुरगान् | तुरग | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| अजिह्मगैः | अजिह्मग | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| शरैः | शर | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| च | च | pos=i |
| भीमम् | भीम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| अभ्यवीवृषत् | अभिवृष् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |