महाभारतम् — 8.65.21
Original
Segmented
ततो महीम् सागर-मेखलाम् त्वम् स पत्तनाम् ग्रामवतीम् समृद्धाम् प्रयच्छ राज्ञे निहत-अरि-संघाम् यशः च पार्थ अतुलम् आप्नुहि त्वम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ततो | ततस् | pos=i |
| महीम् | मही | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| सागर | सागर | pos=n,comp=y |
| मेखलाम् | मेखला | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| स | स | pos=i |
| पत्तनाम् | पत्तन | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| ग्रामवतीम् | ग्रामवत् | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| समृद्धाम् | समृध् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| प्रयच्छ | प्रयम् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| राज्ञे | राजन् | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| निहत | निहन् | pos=va,comp=y,f=part |
| अरि | अरि | pos=n,comp=y |
| संघाम् | संघ | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| यशः | यशस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| पार्थ | पार्थ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| अतुलम् | अतुल | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| आप्नुहि | आप् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |