महाभारतम् — 8.65.38
Original
Segmented
ते वर्म भित्त्वा पुरुषोत्तमस्य सुवर्ण-चित्रम् न्यपतन् सु मुक्तवन्तः वेगेन गाम् आविविशुः सु वेगासः स्नात्वा च कर्ण-अभिमुखाः प्रतीयुः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| वर्म | वर्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| भित्त्वा | भिद् | pos=vi |
| पुरुषोत्तमस्य | पुरुषोत्तम | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| सुवर्ण | सुवर्ण | pos=n,comp=y |
| चित्रम् | चित्र | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| न्यपतन् | निपत् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
| सु | सु | pos=i |
| मुक्तवन्तः | मुच् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| वेगेन | वेग | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| गाम् | गो | pos=n,g=,c=2,n=s |
| आविविशुः | आविश् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| सु | सु | pos=i |
| वेगासः | वेग | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| स्नात्वा | स्ना | pos=vi |
| च | च | pos=i |
| कर्ण | कर्ण | pos=n,comp=y |
| अभिमुखाः | अभिमुख | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| प्रतीयुः | प्रती | pos=v,p=3,n=p,l=lit |