महाभारतम् — 9.10.9
Original
Segmented
बलिभिः पाण्डवैः दृप्तैः लब्धलक्षैः प्रहारिभिः कौरवा असीदत् पृतना मृगी इव अग्नि-समाकुला
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| बलिभिः | बलिन् | pos=a,g=m,c=3,n=p |
| पाण्डवैः | पाण्डव | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| दृप्तैः | दृप् | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
| लब्धलक्षैः | लब्धलक्ष | pos=a,g=m,c=3,n=p |
| प्रहारिभिः | प्रहारिन् | pos=a,g=m,c=3,n=p |
| कौरवा | कौरव | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| असीदत् | सद् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| पृतना | पृतना | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| मृगी | मृगी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| अग्नि | अग्नि | pos=n,comp=y |
| समाकुला | समाकुल | pos=a,g=f,c=1,n=s |