महाभारतम् — 9.22.46
Original
Segmented
रुधिर-उक्ः-सर्व-अङ्गाः विप्रविद्धैः नियन्तृभिः हयाः परिपतन्ति स्म शतशो ऽथ सहस्रशः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| रुधिर | रुधिर | pos=n,comp=y |
| उक्ः | उक्ष् | pos=va,comp=y,f=part |
| सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
| अङ्गाः | अङ्ग | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| विप्रविद्धैः | विप्रव्यध् | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
| नियन्तृभिः | नियन्तृ | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| हयाः | हय | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| परिपतन्ति | परिपत् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| स्म | स्म | pos=i |
| शतशो | शतशस् | pos=i |
| ऽथ | अथ | pos=i |
| सहस्रशः | सहस्रशस् | pos=i |