महाभारतम् — 9.30.7
Original
Segmented
क्रिया-अभ्युपायैः बहुलैः मायाम् अप्सु प्रयोज्य ह जहि त्वम् भरत-श्रेष्ठ पाप-आत्मानम् सुयोधनम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| क्रिया | क्रिया | pos=n,comp=y |
| अभ्युपायैः | अभ्युपाय | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| बहुलैः | बहुल | pos=a,g=m,c=3,n=p |
| मायाम् | माया | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| अप्सु | अप् | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| प्रयोज्य | प्रयोजय् | pos=vi |
| ह | ह | pos=i |
| जहि | हा | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| भरत | भरत | pos=n,comp=y |
| श्रेष्ठ | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| पाप | पाप | pos=a,comp=y |
| आत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| सुयोधनम् | सुयोधन | pos=n,g=m,c=2,n=s |