महाभारतम् — 9.36.35
Original
Segmented
यत्र भूयो निववृते प्राच्-मुखा वै सरस्वती ऋषीणाम् नैमिषेयाणाम् अवेक्षा-अर्थम् महात्मनाम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यत्र | यत्र | pos=i |
| भूयो | भूयस् | pos=i |
| निववृते | निवृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| प्राच् | प्राञ्च् | pos=a,comp=y |
| मुखा | मुख | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| वै | वै | pos=i |
| सरस्वती | सरस्वती | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| ऋषीणाम् | ऋषि | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| नैमिषेयाणाम् | नैमिषेय | pos=a,g=m,c=6,n=p |
| अवेक्षा | अवेक्षा | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| महात्मनाम् | महात्मन् | pos=a,g=m,c=6,n=p |