महाभारतम् — 9.40.17
Original
Segmented
यदा च अपि न शक्नोति राष्ट्रम् मोचयितुम् नृप अथ वैप्राश्निकान् तत्र पप्रच्छ जनमेजय
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यदा | यदा | pos=i |
| च | च | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| न | न | pos=i |
| शक्नोति | शक् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| राष्ट्रम् | राष्ट्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| मोचयितुम् | मोचय् | pos=vi |
| नृप | नृप | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| अथ | अथ | pos=i |
| वैप्राश्निकान् | वैप्राश्निक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| पप्रच्छ | प्रच्छ् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| जनमेजय | जनमेजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |