महाभारतम् — 9.41.21
Original
Segmented
उभयोः शापयोः भीता वेपमाना पुनः पुनः चिन्तयित्वा महा-शापम् ऋषि-वित्रासिता भृशम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| उभयोः | उभय | pos=a,g=m,c=6,n=d |
| शापयोः | शाप | pos=n,g=m,c=6,n=d |
| भीता | भी | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| वेपमाना | विप् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| चिन्तयित्वा | चिन्तय् | pos=vi |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| शापम् | शाप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| ऋषि | ऋषि | pos=n,comp=y |
| वित्रासिता | वित्रासय् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| भृशम् | भृशम् | pos=i |