महाभारतम् — 9.46.12
Original
Segmented
ततस् तत्र अपि उपस्पृश्य दत्त्वा च विविधम् वसु अग्नितीर्थम् महा-प्राज्ञः स जगाम प्रलम्ब-हा नष्टो न दृश्यते यत्र शमीगर्भे हुताशनः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ततस् | ततस् | pos=i |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| उपस्पृश्य | उपस्पृश् | pos=vi |
| दत्त्वा | दा | pos=vi |
| च | च | pos=i |
| विविधम् | विविध | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| वसु | वसु | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अग्नितीर्थम् | अग्नितीर्थ | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| प्राज्ञः | प्राज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| जगाम | गम् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| प्रलम्ब | प्रलम्ब | pos=n,comp=y |
| हा | हन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| नष्टो | नश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| न | न | pos=i |
| दृश्यते | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| यत्र | यत्र | pos=i |
| शमीगर्भे | शमीगर्भ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| हुताशनः | हुताशन | pos=n,g=m,c=1,n=s |