रामायणम् — 1.13.32
Original
Segmented
प्लक्ष-शाखासु यज्ञानाम् अन्येषाम् क्रियते हविः अश्वमेधस्य च एकस्य वैतसो भाग इष्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्लक्ष | प्लक्ष | pos=n,comp=y |
| शाखासु | शाखा | pos=n,g=f,c=7,n=p |
| यज्ञानाम् | यज्ञ | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| अन्येषाम् | अन्य | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| क्रियते | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| हविः | हविस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अश्वमेधस्य | अश्वमेध | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| च | च | pos=i |
| एकस्य | एक | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| वैतसो | वैतस | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भाग | भाग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इष्यते | इष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |