रामायणम् — 1.19.5
Original
Segmented
अहम् एव धनुष्पाणिः गोप्ता समर-मूर्ध्नि यावत् प्राणान् धरिष्यामि तावद् योत्स्ये निशाचरैः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| धनुष्पाणिः | धनुष्पाणि | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| गोप्ता | गोप्तृ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| समर | समर | pos=n,comp=y |
| मूर्ध्नि | मूर्धन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| यावत् | यावत् | pos=i |
| प्राणान् | प्राण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| धरिष्यामि | धृ | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| तावद् | तावत् | pos=i |
| योत्स्ये | युध् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| निशाचरैः | निशाचर | pos=n,g=m,c=3,n=p |