रामायणम् — 1.2.36
Original
Segmented
यावद् रामस्य च कथा त्वद्-कृता प्रचरिष्यति तावद् ऊर्ध्वम् अधः च त्वम् मत् लोकेषु निवत्स्यसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यावद् | यावत् | pos=i |
| रामस्य | राम | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| च | च | pos=i |
| कथा | कथा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
| कृता | कृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| प्रचरिष्यति | प्रचर् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| तावद् | तावत् | pos=i |
| ऊर्ध्वम् | ऊर्ध्वम् | pos=i |
| अधः | अधस् | pos=i |
| च | च | pos=i |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| मत् | मद् | pos=n,g=,c=5,n=s |
| लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| निवत्स्यसि | निवस् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |