रामायणम् — 1.22.19
Original
Segmented
सत्कारम् समनुप्राप्य कथाभिः अभिरञ्जयन् न्यवसन् सु सुखम् तत्र काम-आश्रम-पदे तदा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सत्कारम् | सत्कार | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| समनुप्राप्य | समनुप्राप् | pos=vi |
| कथाभिः | कथा | pos=n,g=f,c=3,n=p |
| अभिरञ्जयन् | अभिरञ्जय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| न्यवसन् | निवस् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
| सु | सु | pos=i |
| सुखम् | सुखम् | pos=i |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| काम | काम | pos=n,comp=y |
| आश्रम | आश्रम | pos=n,comp=y |
| पदे | पद | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |