रामायणम् — 1.33.16
Original
Segmented
शनैः वियुज्यते संध्या नभो नेत्रैः इव आवृतम् नक्षत्र-तारा-गहनम् ज्योतिर्भिः अवभासते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शनैः | शनैस् | pos=i |
| वियुज्यते | वियुज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| संध्या | संध्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| नभो | नभस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| नेत्रैः | नेत्र | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| इव | इव | pos=i |
| आवृतम् | आवृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| नक्षत्र | नक्षत्र | pos=n,comp=y |
| तारा | तारा | pos=n,comp=y |
| गहनम् | गहन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| ज्योतिर्भिः | ज्योतिस् | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| अवभासते | अवभास् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |