रामायणम् — 1.35.9
Original
Segmented
अभिगम्य सुराः सर्वे प्रणिपत्य इदम् अब्रुवन् देवदेव महादेव लोकस्य अस्य हिते रत सुराणाम् प्रणिपातेन प्रसादम् कर्तुम् अर्हसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अभिगम्य | अभिगम् | pos=vi |
| सुराः | सुर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| सर्वे | सर्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| प्रणिपत्य | प्रणिपत् | pos=vi |
| इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अब्रुवन् | ब्रू | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
| देवदेव | देवदेव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| महादेव | महादेव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| लोकस्य | लोक | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| हिते | हित | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| रत | रम् | pos=va,g=m,c=8,n=s,f=part |
| सुराणाम् | सुर | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| प्रणिपातेन | प्रणिपात | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| प्रसादम् | प्रसाद | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| कर्तुम् | कृ | pos=vi |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |