रामायणम् — 1.37.18
Original
Segmented
घृत-पूर्णेषु कुम्भेषु धात्र्यस् तान् समवर्धयन् कालेन महता सर्वे यौवनम् प्रतिपेदिरे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| घृत | घृत | pos=n,comp=y |
| पूर्णेषु | पृ | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
| कुम्भेषु | कुम्भ | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| धात्र्यस् | धात्री | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| समवर्धयन् | संवर्धय् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
| कालेन | काल | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| महता | महत् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| सर्वे | सर्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| यौवनम् | यौवन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्रतिपेदिरे | प्रतिपद् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |