रामायणम् — 1.37.20
Original
Segmented
स च ज्येष्ठो नर-श्रेष्ठ सगरस्य आत्मसम्भवः बालान् गृहीत्वा तु जले सरय्वा रघुनन्दन प्रक्षिप्य प्रहसन् नित्यम् मज्जतस् तान् निरीक्ष्य वै
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| ज्येष्ठो | ज्येष्ठ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| नर | नर | pos=n,comp=y |
| श्रेष्ठ | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| सगरस्य | सगर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| आत्मसम्भवः | आत्मसम्भव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| बालान् | बाल | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| गृहीत्वा | ग्रह् | pos=vi |
| तु | तु | pos=i |
| जले | जल | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| सरय्वा | सरयू | pos=n,g=f,c=6,n=s |
| रघुनन्दन | रघुनन्दन | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| प्रक्षिप्य | प्रक्षिप् | pos=vi |
| प्रहसन् | प्रहस् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| मज्जतस् | मज्ज् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| निरीक्ष्य | निरीक्ष् | pos=vi |
| वै | वै | pos=i |