रामायणम् — 1.43.4
Original
Segmented
सागरस्य जलम् लोके यावत् स्थास्यति पार्थिव सगरस्य आत्मजाः तावत् स्वर्गे स्थास्यन्ति देव-वत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सागरस्य | सागर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| जलम् | जल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| यावत् | यावत् | pos=i |
| स्थास्यति | स्था | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| पार्थिव | पार्थिव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| सगरस्य | सगर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| आत्मजाः | आत्मज | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| तावत् | तावत् | pos=i |
| स्वर्गे | स्वर्ग | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| स्थास्यन्ति | स्था | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
| देव | देव | pos=n,comp=y |
| वत् | वत् | pos=i |