रामायणम् — 1.64.6
Original
Segmented
न ह्य् अस्य वृजिनम् किंचिद् दृश्यते सूक्ष्मम् अप्य् अथ न दीयते यदि त्व् अस्य मनसा यद् अभीप्सितम् विनाशयति त्रैलोक्यम् तपसा स चराचरम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| न | न | pos=i |
| ह्य् | हि | pos=i |
| अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| वृजिनम् | वृजिन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| दृश्यते | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| सूक्ष्मम् | सूक्ष्म | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| अप्य् | अपि | pos=i |
| अथ | अथ | pos=i |
| न | न | pos=i |
| दीयते | दा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| यदि | यदि | pos=i |
| त्व् | तु | pos=i |
| अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| मनसा | मनस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अभीप्सितम् | अभीप्सित | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| विनाशयति | विनाशय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| त्रैलोक्यम् | त्रैलोक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| तपसा | तपस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| स | स | pos=i |
| चराचरम् | चराचर | pos=n,g=n,c=2,n=s |