रामायणम् — 2.10.34
Original
Segmented
सदा ते जननी-तुल्याम् वृत्तिम् वहति राघवः तस्य एव त्वम् अनर्थाय किंनिमित्तम् इह उद्यता
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सदा | सदा | pos=i |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
| जननी | जननी | pos=n,comp=y |
| तुल्याम् | तुल्य | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| वृत्तिम् | वृत्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| वहति | वह् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| राघवः | राघव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| अनर्थाय | अनर्थ | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| किंनिमित्तम् | किंनिमित्त | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| इह | इह | pos=i |
| उद्यता | उद्यम् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |