रामायणम् — 2.10.35
Original
Segmented
त्वम् मया आत्म-विनाशाय भवनम् स्वम् प्रवेशिता अविज्ञानान् नृप-सुता व्याली तीक्ष्ण-विषा यथा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
| विनाशाय | विनाश | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| भवनम् | भवन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| स्वम् | स्व | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| प्रवेशिता | प्रवेशय् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| अविज्ञानान् | अविज्ञान | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| नृप | नृप | pos=n,comp=y |
| सुता | सुता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| व्याली | व्याली | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| तीक्ष्ण | तीक्ष्ण | pos=a,comp=y |
| विषा | विष | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| यथा | यथा | pos=i |