रामायणम् — 2.10.38
Original
Segmented
परा भवति मे प्रीतिः दृष्ट्वा तनयम् अग्रजम् अपश्यतस् तु मे रामम् नष्टा भवति चेतना
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| परा | पर | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| प्रीतिः | प्रीति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
| तनयम् | तनय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अग्रजम् | अग्रज | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अपश्यतस् | अपश्यत् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| रामम् | राम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| नष्टा | नश् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| चेतना | चेतना | pos=n,g=f,c=1,n=s |