रामायणम् — 2.100.7
Original
Segmented
पित्र्यम् राज्यम् समुत्सृज्य स न अर्हति नर-उत्तम आस्थातुम् कापथम् दुःखम् विषमम् बहु-कण्टकम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| पित्र्यम् | पित्र्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| राज्यम् | राज्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| समुत्सृज्य | समुत्सृज् | pos=vi |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| अर्हति | अर्ह् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| नर | नर | pos=n,comp=y |
| उत्तम | उत्तम | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| आस्थातुम् | आस्था | pos=vi |
| कापथम् | कापथ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| दुःखम् | दुःख | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| विषमम् | विषम | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| बहु | बहु | pos=a,comp=y |
| कण्टकम् | कण्टक | pos=n,g=m,c=2,n=s |