रामायणम् — 2.110.29
Original
Segmented
अनपत्येन च स्नेहाद् अङ्कम् आरोप्य च स्वयम् मे इयम् तनया इति उक्त्वा स्नेहो मयि निपातितः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अनपत्येन | अनपत्य | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| च | च | pos=i |
| स्नेहाद् | स्नेह | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| अङ्कम् | अङ्क | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आरोप्य | आरोपय् | pos=vi |
| च | च | pos=i |
| स्वयम् | स्वयम् | pos=i |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| इयम् | इदम् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| तनया | तनया | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| उक्त्वा | वच् | pos=vi |
| स्नेहो | स्नेह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मयि | मद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
| निपातितः | निपातय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |