रामायणम् — 2.12.2
Original
Segmented
पापम् कृत्वा इव किम् इदम् मम संश्रुत्य संश्रवम् शेषे क्षिति-तले सन्नः स्थित्याम् स्थातुम् त्वम् अर्हसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| पापम् | पाप | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| इव | इव | pos=i |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| संश्रुत्य | संश्रु | pos=vi |
| संश्रवम् | संश्रव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| शेषे | शी | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| क्षिति | क्षिति | pos=n,comp=y |
| तले | तल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| सन्नः | सद् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| स्थित्याम् | स्थिति | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| स्थातुम् | स्था | pos=vi |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |