रामायणम् — 2.16.34
Original
Segmented
किम् पुनः मनुज-इन्द्रेण स्वयम् पित्रा प्रचोदितः तव च प्रिय-काम-अर्थम् प्रतिज्ञाम् अनुपालयन्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| मनुज | मनुज | pos=n,comp=y |
| इन्द्रेण | इन्द्र | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| स्वयम् | स्वयम् | pos=i |
| पित्रा | पितृ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| प्रचोदितः | प्रचोदय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| च | च | pos=i |
| प्रिय | प्रिय | pos=n,comp=y |
| काम | काम | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्रतिज्ञाम् | प्रतिज्ञा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| अनुपालयन् | अनुपालय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |