रामायणम् — 2.16.41
Original
Segmented
व्रीडा-अन्वितः स्वयम् यच् च नृपस् त्वाम् न अभिभाषते न एतत् किंचिन् नर-श्रेष्ठ मन्युः एषो ऽपनीयताम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| व्रीडा | व्रीडा | pos=n,comp=y |
| अन्वितः | अन्वित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| स्वयम् | स्वयम् | pos=i |
| यच् | यत् | pos=i |
| च | च | pos=i |
| नृपस् | नृप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| न | न | pos=i |
| अभिभाषते | अभिभाष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| न | न | pos=i |
| एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| किंचिन् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| नर | नर | pos=n,comp=y |
| श्रेष्ठ | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| मन्युः | मन्यु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| एषो | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽपनीयताम् | अपनी | pos=v,p=3,n=s,l=lot |