रामायणम् — 2.17.5
Original
Segmented
वर्धयित्वा प्रहृष्टास् ताः प्रविश्य च गृहम् स्त्रियः न्यवेदयन्त त्वरिता राम-मातुः प्रियम् तदा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वर्धयित्वा | वर्धय् | pos=vi |
| प्रहृष्टास् | प्रहृष् | pos=va,g=f,c=2,n=p,f=part |
| ताः | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=p |
| प्रविश्य | प्रविश् | pos=vi |
| च | च | pos=i |
| गृहम् | गृह | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| स्त्रियः | स्त्री | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| न्यवेदयन्त | निवेदय् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
| त्वरिता | त्वरित | pos=a,g=f,c=1,n=p |
| राम | राम | pos=n,comp=y |
| मातुः | मातृ | pos=n,g=f,c=6,n=s |
| प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |