रामायणम् — 2.18.32
Original
Segmented
ताम् एवम् उक्त्वा जननीम् लक्ष्मणम् पुनः अब्रवीत् तव लक्ष्मण जानामि मयि स्नेहम् अनुत्तमम् अभिप्रायम् अविज्ञाय सत्यस्य च शमस्य च
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| उक्त्वा | वच् | pos=vi |
| जननीम् | जननी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| लक्ष्मणम् | लक्ष्मण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| लक्ष्मण | लक्ष्मण | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| जानामि | ज्ञा | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| मयि | मद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
| स्नेहम् | स्नेह | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अनुत्तमम् | अनुत्तम | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| अभिप्रायम् | अभिप्राय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अविज्ञाय | अविज्ञाय | pos=i |
| सत्यस्य | सत्य | pos=n,g=n,c=6,n=s |
| च | च | pos=i |
| शमस्य | शम | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| च | च | pos=i |