रामायणम् — 2.2.25
Original
Segmented
संग्रामात् पुनः आगम्य कुञ्जरेण रथेन वा पौरान् स्व-जन-वत् नित्यम् कुशलम् परिपृच्छति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| संग्रामात् | संग्राम | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| आगम्य | आगम् | pos=vi |
| कुञ्जरेण | कुञ्जर | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| रथेन | रथ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| पौरान् | पौर | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| जन | जन | pos=n,comp=y |
| वत् | वत् | pos=i |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| कुशलम् | कुशल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| परिपृच्छति | परिप्रच्छ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |