रामायणम् — 2.2.34
Original
Segmented
तम् देवदेव-उपमम् आत्मजम् ते सर्वस्य लोकस्य हिते निविष्टम् हिताय नः क्षिप्रम् उदार-जुष्टम् मुदा अभिषिच् वर-द त्वम् अर्हसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| देवदेव | देवदेव | pos=n,comp=y |
| उपमम् | उपम | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| आत्मजम् | आत्मज | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| सर्वस्य | सर्व | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| लोकस्य | लोक | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| हिते | हित | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| निविष्टम् | निविश् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| हिताय | हित | pos=n,g=n,c=4,n=s |
| नः | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
| क्षिप्रम् | क्षिप्रम् | pos=i |
| उदार | उदार | pos=a,comp=y |
| जुष्टम् | जुष् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| मुदा | मुद् | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| अभिषिच् | अभिषिच् | pos=vi |
| वर | वर | pos=n,comp=y |
| द | द | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |