रामायणम् — 2.22.14
Original
Segmented
यन् मङ्गलम् सुपर्णस्य विनता अकल्पयत् पुरा अमृतम् प्रार्थयानस्य तत् ते भवतु मङ्गलम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यन् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| मङ्गलम् | मङ्गल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| सुपर्णस्य | सुपर्ण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| विनता | विनता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| अकल्पयत् | कल्पय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| पुरा | पुरा | pos=i |
| अमृतम् | अमृत | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्रार्थयानस्य | प्रार्थयान | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
| भवतु | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| मङ्गलम् | मङ्गल | pos=n,g=n,c=1,n=s |