रामायणम् — 2.24.17
Original
Segmented
अहम् गमिष्यामि वनम् सु दुर्गमम् मृग-आयुतम् वानर-वारणैः युतम् वने निवत्स्यामि यथा पितुः गृहे ते एव पादाव् उपगृह्य संमता
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| गमिष्यामि | गम् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| वनम् | वन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| सु | सु | pos=i |
| दुर्गमम् | दुर्गम | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| मृग | मृग | pos=n,comp=y |
| आयुतम् | आयुत | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| वानर | वानर | pos=n,comp=y |
| वारणैः | वारण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| युतम् | युत | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| वने | वन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| निवत्स्यामि | निवस् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| यथा | यथा | pos=i |
| पितुः | पितृ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| गृहे | गृह | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| पादाव् | पाद | pos=n,g=m,c=2,n=d |
| उपगृह्य | उपग्रह् | pos=vi |
| संमता | सम्मन् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |