रामायणम् — 2.26.15
Original
Segmented
प्रेत्यभावे ऽपि कल्याणः संगमो मे सह त्वया श्रुतिः हि श्रूयते पुण्या ब्राह्मणानाम् यशस्विनाम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रेत्यभावे | प्रेत्यभाव | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| कल्याणः | कल्याण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| संगमो | संगम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| सह | सह | pos=i |
| त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| श्रुतिः | श्रुति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| श्रूयते | श्रु | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| पुण्या | पुण्य | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| ब्राह्मणानाम् | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| यशस्विनाम् | यशस्विन् | pos=a,g=m,c=6,n=p |