रामायणम् — 2.3.28
Original
Segmented
तुष्ट-अनुरक्त-प्रकृतिः यः पालयति मेदिनीम् तस्य नन्दन्ति मित्राणि लब्ध्वा अमृतम् इव अमराः तस्मात् पुत्र त्वम् आत्मानम् नियम्य एव समाचर
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तुष्ट | तुष् | pos=va,comp=y,f=part |
| अनुरक्त | अनुरञ्ज् | pos=va,comp=y,f=part |
| प्रकृतिः | प्रकृति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| पालयति | पालय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| मेदिनीम् | मेदिनी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| नन्दन्ति | नन्द् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| मित्राणि | मित्र | pos=n,g=n,c=1,n=p |
| लब्ध्वा | लभ् | pos=vi |
| अमृतम् | अमृत | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| अमराः | अमर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
| पुत्र | पुत्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| आत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| नियम्य | नियम् | pos=vi |
| एव | एव | pos=i |
| समाचर | समाचर् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |