रामायणम् — 2.31.19
Original
Segmented
आपृच्छे त्वाम् महा-राज सर्वेषाम् ईश्वरो ऽसि नः प्रस्थितम् दण्डक-अरण्यम् पश्य त्वम् कुशलेन माम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आपृच्छे | आप्रच्छ् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| राज | राज | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| सर्वेषाम् | सर्व | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| ईश्वरो | ईश्वर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽसि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| नः | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
| प्रस्थितम् | प्रस्था | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| दण्डक | दण्डक | pos=n,comp=y |
| अरण्यम् | अरण्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| पश्य | पश् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| कुशलेन | कुशल | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |